लेखनी प्रतियोगिता -ज़मी आसमां -विजय पोखरणा- "यस" -23-Jan-2023
🌍🌍जमीं आसमां☁️☁️
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आसमां पर उड़ने वाले
ज़मी पर कदम रख
जन्नत तो यहीं पर हैं
ऊपर तो आत्मा
परमात्मा का वास हैं
हकीकत में जन्नत यहीं हैं
स्वर्ग सा प्रेम यहीं पर हैं
संसार यहीं पर हैं
खुदा यहीं पर हैं
सूरज चांद तारे आसमां
जमीं से सुंदर दिखते हैं
ऊपर उड़ने वाले नीचे ही आयेंगे
ऊपर हिचकोले मिलते हैं
सुकून अपनी जमीं पर हैं
जमीं पर अभिलाषा हकीकत हैं
जमीं प्रेम का पालना है
तारे जमीं पर सपना है
प्यार यहीं पर पुष्प पल्लवित है
आसमां कि अभिलाषा पर विजयी
होने का मंत्र पांव जमीं पर रखना हैं।।
✍️विजय पोखरणा "यस"
अजमेर
madhura
24-Jan-2023 03:00 PM
beautifully express
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Renu
24-Jan-2023 02:56 PM
👍👍🌺
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VIJAY POKHARNA "यस"
24-Jan-2023 12:50 PM
🙏🙏
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